छात्र राजनीति

डॉ. अशोक लाहोटी का छात्र जीवन बेहद अनुशासित और उपलब्धियों से भरा रहा है। पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े रहने के दौरान उन्होंने अनुशासन और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को बखूबी सीखा और अपने जीवन में अपनाया। अपने कॉलेज के दिनों में उन्होंने अपने विचारों और विभिन्न विषयों पर ज्ञान को संवाद के जरिए लोगों तक पहुंचाने और जागरूकता का काम किया। युवा लाहोटी ने विश्वविद्यालय और समाज से जुड़े मुद्दों पर हमेशा मुखर होकर अपनी बात सामने रखीं। छात्रों से जुड़ी मांगों के लिए किए गए धरना प्रदर्शन व आंदोलनों में डाॅ. लाहोटी ने छात्र हित में जेल भी काटी। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष पर पद रहते हुए अशोक लाहोटी ने कार्य करवाए वो आज भी विश्वविद्यालय के युवा छात्र नेताओं के लिए एक मिसाल हैं।

आरयू छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए डॉ. लाहोटी द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य निम्न है:-

  • राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के छात्रसंघ अध्यक्ष कार्यकाल के दौरान अशोक लाहोटी ने बड़े स्तर पर सांस्कृतिक, साहित्यिक, रचनात्मक एवं खेलकूद संबंधी गतिविधियों सफल संचालन किया।  
  • राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में पंद्रह वर्षों से लंबित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का स्थापन कराया गया।
  • 1 से 3 अगस्त 2001 तक विश्वविद्यालय में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर का युवा समारोह 'घूमर' का सफल आयोजन कराया गया, जिसमें देशभर के नामी कई विश्वविद्यालयों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आधा दर्जन से अधिक विदेशी विश्वविद्यालयों की टीमों पहुंची थी, ऐसा राजस्थान विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार हुआ।
  • जयपुर में पहली बार 15 दिवसीय 5000 छात्राओं का ‘‘आत्मा रक्षा शिविर’’ का आयोजन किया।
  • लाहोटी ने विश्वविद्यालय प्रांगण में आंखों की जांच एवं रक्त समूह जांच कैंप लगवाया, जिसमें 9000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर इसका लाभ उठाया। इस दौरान 125 विद्यार्थियों का आंखों का सफल ऑपरेशन किया गया और 1137 छात्र-छात्राओं को निशुल्क चश्मे उपलब्ध करवाए गए।
  • महापुरुषों के जीवन से छात्र-छात्राओं को रूबरू कराने और उनके आदर्श व्यक्तित्व को विद्यार्थियों के बीच पहुंचाने के लिए समय-समय पर संगोष्ठियों का आयोजन करवाया गया।  
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विश्वविद्यालय खेल परिसर का नाम सुभाष चंद्र बोस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स रखा गया।
  • कश्मीर की ज्वलंत समस्या पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए ग्यारह सदस्यीय दल के साथ जेएंडके के विभिन्न हिस्सों में गए और वहां 10 दिन रहकर सर्वे किया।
  • गुजरात भूकंप पीड़ितों की सहायता में बढ़-चढ़कर योगदान दिया और पीड़ितों के लिए कम्बल व शर्ट भिजवायीं।
  • विश्वविद्यालय परिसर को राजनीति का अखाड़ा बनाने की कांग्रेस सरकार की चाल को समझते हुए परिसर में इंदिरा गांधी की प्रतिमा स्थापना का पुरजोर तरीके से कड़ा विरोध किया, जिसके कारण तत्कालीन कांग्रेस सरकार को झुकना पड़ा।
  • प्रवेश फार्म शुल्क में 50 फीसदी की कटौती करवाना और वार्षिक परीक्षाएं समय पर आयोजित करवाने में अहम भूमिका निभाईं।

 

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